भाभी की महीनों की चुदाई की प्यास बुझाई Bhabhi ke sath chudai 1

भाभी की चुदाई हिंदी कहानी में मेरे ताऊ जी की पुत्रवधू पति से अलग ससुराल में रह रही थी. तो उनकी चूत चुदाई नहीं हो रही थी. मैंने भाभी की जरूरत को समझ कर उनकी चूत और गांड का मजा लिया.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम दीप है. मैं उत्तराखण्ड के देहरादून में रहता हूं.
मेरी उम्र महज 19 साल ही है लेकिन मेरा 7 इंच का लंड, प्यासी भाभियों के लिए काफी मस्त है.

यह मेरी पहली चुदाई की पहली कहानी है.
मेरी भाभी की चुदाई हिंदी कहानी की मुख्य पात्र मेरी 32 साल की कमसिन भाभी हैं … जिनका 36-30-38 का फिगर बड़ा ही लाजवाब है.
वे मेरे ताऊजी के लड़के की बीवी हैं.

उनके तने हुए दूध देखकर तो हमेशा ही मेरा लंड तन जाता था.
दरअसल मेरी भाभी भैया के साथ बंगलोर में रहती हैं.

फरवरी के महीने भाभी अपने पति के साथ घर आई हुई थीं.

भैया को अचानक से अपने काम के सिलसिले में वापस जाना पड़ गया.
तो भाभी यहां बाकी परिवार के साथ ही रहने लगीं.

एक दिन भाभी का सैड स्टेटस देखने के बाद मैंने यूँ ही रिप्लाई कर दिया.
तो उसके बाद भाभी के साथ मेरी कुछ अलग सी बातें शुरू होने लगीं.

कुछ ही दिनों में भाभी ने मुझसे अपने दिल की बात बताते हुए कहा कि वे मुझसे प्यार करती हैं.
मैं तो था ही उनके लिए पागल!

अब भाभी मेरी गर्लफ्रेंड बन गई थीं.


हम दोनों फ़ोन पर सामान्य बात करते करते किस करने लगते और सेक्स की भी बातें करने लगते थे.

भाभी ने मुझे वीडियो कॉल पर अपने बूब्स भी दिखाए थे और मेरा तना हुआ लंड भी वीडियो कॉल पर देखा था.

अब हम दोनों को अपने लंड और चूत के मिलन का इंतजार था.

एक दिन भाभी ने मुझे मिलने के लिए बुला लिया.

उस दिन एग्जाम के कारण मुझे आने में थोड़ी देर हो गई.
मैं भाभी के घर होते हुए अपने घर आया.

उनके घर जाकर मैं भाभी के मन की बात समझ गया था लेकिन उनके परिवार के अन्य लोगों के होते मैं कुछ नहीं कर सकता था.

कुछ दिन और यूँ ही चला, हम दोनों की कामुक भावनाएं भड़कती रहीं.

फिर आखिर वह दिन आ ही गया, जब मैंने भाभी की प्यास बुझाई … और मेरी प्यास भाभी ने!

यह मई महीने की बात है.
मैं उस दिन भाभी के घर गया था.

उनके घर पर कोई नहीं था तो मैंने भाभी को किस करना चालू कर दिया.
भाभी ने भी पूरा साथ दिया.

मैं किस करते करते भाभी के 36 इंच के दूध दबाने लगा और उनकी गर्दन को चाटने लगा.

भाभी भी ‘आह … उह … इस्स’ की आवाज़ें निकालकर मुझे मदहोश कर रही थीं मगर हमारे पास सिर्फ किस करने का ही वक्त था.
उनके घर के बाकी के लोग घर वापस आने वाले थे.

भाभी की चुम्मियां लेने से मेरी वासना ने उग्र रूप धारण कर लिया था और अब भाभी की चूत चोदे बिना शांति नहीं मिलने वाली थी.

इसलिए उस दिन मैंने भाभी के घर पर ही रुकने का फैसला कर लिया.

रात को खाना खाने के बाद मैं बैठक वाले कमरे में सोने गया.
पर नींद किसे आने वाली थी.

जब भाभी को लगा कि सब सो गए हैं तो भाभी ने मुझे अपने कमरे में बुलाने के लिए कॉल किया.

उनका कॉल देख कर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था.
जिंदगी में पहली बार मैं आज अपनी जवानी जीने वाला था, वह भी भाभी के साथ.

वैसे तो मैं अब तक और चूत चोद चुका था पर भाभी के साथ दिल लग गया था.

मैं जल्दी से उनके रूम में आ गया.
भाभी बेड पर लेटी हुई थीं.

मैं उनके पीछे जाकर चिपक कर लेट गया.

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भाभी को मेरी महक मिल गई थी और वे काम से पीड़ित मादा की भांति अपनी गांड मेरे लौड़े से रगड़ने लगी थीं.

पीछे से ही मैं भी उनकी गर्दन को किस करने लगा.
मैं अपने हाथ कभी उनकी पीठ पर फेरता, तो कभी गर्दन पर … और कभी टी-शर्ट के बाहर से ही उनके मम्मों पर अपने हाथ दबा कर दूध दबाने का मजा लेने लगता.
कभी मैं उनके लोअर के अन्दर अपने एक हाथ को डाल कर उनकी टांगों के बीच में छेद को टटोलने लगता.

मुझसे अब सब्र नहीं हो रहा था.
तो मैंने अपना एक हाथ टी-शर्ट के अन्दर डालकर उनके मम्मों को दबाना चालू कर दिया.

भाभी भी काफी गर्म हो चुकी थीं, उनकी चूत में कब से लंड नहीं गया था.

वे मेरी तरफ पलटीं और हम दोनों के होंठ एक हो गए.

भाभी को करीब 10 मिनट तक किस करने के बाद मैंने उनकी टी-शर्ट हटा दी.

वे मेरे सामने एक पिंक कलर की ब्रा पहनी हुई थीं और अपनी जवानी दिखा कर मुझे मदहोश कर रही थीं.
उनकी ब्रा के ऊपर से ही मैंने उनके मम्मों को दबाना चालू किया और उनके सारे बदन को चूमा.

मैंने भाभी से पूछा- आपने कितने समय से सेक्स नहीं किया है?
भाभी ने धीमी आवाज़ में जवाब दिया- मैं फरवरी से प्यासी हूँ.

भाभी की चुदाई हिंदी कहानी बनने का रास्ता साफ़ हो चुका था.

मैंने कहा- क्यों आपको कोई और नहीं मिला!
वे बोलीं- यह मेरी ससुराल का घर है, यदि मैं बंगलोर में होती तो अब तक सत्तर लंड मेरी चूत में घुस चुके होते!

मैंने कहा- अरे वाह … इसका मतलब आप तो पूरी लंड खोर हैं!
वे हंस दीं और बोलीं- क्यों तू चूत खोर नहीं है क्या?

मैंने कहा- हां, मैं भी चूत का आशिक हूँ और अब तक छह चूत चोद चुका हूँ … आज आप सातवीं हैं!

भाभी मेरे लंड को टटोलती हुई बोलीं- जब से मैंने तेरे लंड को वीडियो कॉल देख लिया था, तभी से इसके लिए पागल हूँ.

मैंने कहा- भैया का लंड कैसा है?
वे हंस कर बोलीं- उनका भी मस्त है … तुझे अपनी गांड में लेना हो तो मैं उनसे बात कर सकती हूँ.

मैंने हंस कर कहा- अरे रहने दो भाभी, मैं छोटी लाइन वाला बंदा नहीं हूँ. मुझे तो चूत चोदना ही पसंद आता है!

भाभी बोलीं- क्यों गांड मारने का शौक भी नहीं है?
मैंने कहा- अब तक किसी ने पीछे की दी ही नहीं. यदि आप गांड मरवाने के लिए राजी हों, तो मुझे उसका भी स्वाद मिल जाएगा!

भाभी लंड को सहलाने लगीं और बोलीं- पहले चूत में अपनी ताकत दिखा कर मुझे खुश कर … बाद में गांड में लेने की भी सोच सकती हूँ.
मैंने उनके दूध को मसलते हुए कहा- भैया आपकी गांड मारते हैं क्या?

वे बोलीं- अरे उन्हें तो गांड मारने में ही मजा आता है, तभी तो मेरी चूत लंड के लिए प्यासी ही रहती है. यूं समझो कि तुम्हारे भैया चार बार गांड मारेंगे तब एक बार चूत में लंड पेलते हैं.

मैंने कहा- अरे वाह भाभी … इसका मतलब तो आपकी हर रात में पांच बार चुदाई होती है?
वे बोलीं- नहीं रे बुद्धू … तेरे भैया एक रात में एक ही बार चुदाई करते हैं. वह तो मेरे कहने का मतलब यह है कि वे चार बार गांड का मजा ले लेते हैं … तब मेरे कहने पर अगली बार मेरी चूत में लंड पेलते हैं!

मैंने कहा- अरे, इसका मतलब तो यह हुआ कि वे गे भी हो सकते हैं!
भाभी हंस कर बोलीं- हां यार, तेरे भैया गांडू ही हैं. उन्हें अपने गांडू दोस्तों से गांड मरवाने में भी मजा आता है. वे मुझे छोड़ कर बंगलोर इसी लिए तो गए हैं ताकि वे अपनी गांड मारने और मरवाने की खुजली मिटवा सकें.

मैंने कहा- तो आप उनसे कुछ कहती नहीं हैं?
भाभी- पहले पहल तो मैंने उनसे खूब कहा, पर उन्होंने मुझे भी छूट दे दी कि मैं जिससे चाहूँ चुद सकती हूँ, तभी तो मैंने तुम्हें अपना सही साथी चुना है!

मैंने कहा- अरे भाभी, यदि आपको तरह तरह के लंड से चुदने का शौक है तो मैं आपके लिए लंड की लाइन लगा दूंगा.
यह सुनकर भाभी खुश हो गईं और बोलीं- पहले तुमसे चुद कर मजा ले लेने दो फिर बाद में एक साथ दो लंड से चुदने का मजा भी ले लूँगी.

उनकी सेक्सी बातें सुनकर मेरे लौड़े को तो मानो पंख लग गए थे.

इसी दौरान मैं भाभी के बदन को किस करते करते उनकी कमर तक पहुँच गया.

अब वक्त आ गया था, जब भाभी के लोअर को उतार कर उनके बदन से अलग करना था.

भाभी का लोअर उतारते ही मैं अपने हाथों को उनकी जांघ पर फेरने लगा और ब्रा के ऊपर से ही चूचे चूसने लगा.
अपना हाथ मैं उनकी गांड पर फेरने लगा.

अब बारी भाभी के ब्रा की थी.
ब्रा उतारते ही भाभी के 36 इंच के दूध मेरे सामने आज़ाद होकर गजब फुदक रहे थे

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मुझसे रहा नहीं गया और मैं तुरंत ही उनके दोनों बूब्स दबाने चूसने और काटने लगा.
भाभी तो मानो मदहोश हो चुकी थीं.

भाभी की चूचियां चूसते हुए मैंने अपना हाथ भाभी की पैंटी के बाहर से ही हरकत में लाना शुरू किया.
मैंने उनकी चूत पर अपने हाथ को चलाना चालू कर दिया.

भाभी की चूत पूरी गीली हो चुकी थी इसलिए मैंने भी देर न करते हुए उनकी पैंटी उतार कर फेंक दी और उंगली से उनकी चूत का स्पर्श करने लगा.

उनकी गीली चूत और रसीली सिसकारियां मुझे मदहोश कर रही थीं.

मैंने अपनी उंगली भाभी की चूत में डाल दी.
भाभी उंगली लेते ही बिल्कुल कामुक हो चुकी थीं और वे मुझे जोर जोर से किस करने लगीं.

जब उनसे सहन न हुआ तो वे मुझे धक्का देकर खुद मेरे ऊपर आ गईं.
वे मेरे होंठों से गर्दन पर होती हुई छाती पर किस करने लगीं.

मैं भी भाभी का साथ देने लगा और भाभी के बूब्स दबाने लगा.

इतने में भाभी ने मेरी टी-शर्ट और लोअर उतार कर मुझे अंडरवियर में छोड़ दिया और लंड को ऊपर से ही सहलाने लगीं.

अब मेरे सब्र का बांध टूट रहा था तो मैं भाभी को लेटाकर खुद उनकी चूत के सामने आ गया और उनकी चूत चाटने लगा.

कुछ ही देर में भाभी को मजा आने लगा और वे अपने हाथ से मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगीं.

भाभी अपने मुँह से कामुक आवाज़ें निकालती हुई बोलीं- आह … बहुत मजा आ रहा है … और अन्दर तक चाटो आह आह!

मुझे यह जानकर बड़ी हैरानी हुई कि भाभी ने आज पहली बार चूत चटवाई थी.
भैया ने आज तक कभी उनकी चूत चाटी ही नहीं थी.
किसी और मर्द ने भी उनकी चूत को चाटने का सुख नहीं दिया था.

थोड़ी देर बाद मैं किस करता हुआ उनके बूब्स तक आ गया.

भाभी ने मुझे धक्का देकर अपना कुत्ता बना लिया; मेरी अंडरवियर उतारकर भाभी खुद ही मेरे लंड पर बैठ गईं.

एक बार में ही मेरा पूरा लंड भाभी की चूत में चला गया.
अब भाभी लंड की सवारी करती हुई अपनी गांड को ऊपर नीचे करने लगीं.

दस मिनट तक ऐसे ही भाभी की चूत चोदने के बाद मुझे भाभी के ऊपर चढ़कर उनको चोदना था.

मैंने भाभी को गिरा दिया और ऊपर से आकर भाभी की चूत में लंड पेल दिया.

करीब 10 मिनट उसकी चुदाई करने के बाद भाभी ढीली पड़कर झड़ गईं.
उनके झड़ने के बाद मैंने तेज तेज धक्के देने शुरू किए और कुछ ही धक्कों के बाद मैं भी झड़ने को हो गया.

भाभी ने कहा- अन्दर ही निकाल दो.
मैं उनकी चूत में ही झड़ गया.

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कुछ देर तक एक दूसरे से चिपके रहने के बाद भाभी मेरे लंड को चूसने लगीं.

मैं समझ गया भाभी अब रांड बनकर मुझसे और चुदना चाहती हैं.

उन्होंने मेरा फिर से मूड बना दिया तो दूसरे राउंड की चुदाई शुरू हो गयी.

इस बार मैंने भाभी को 15 मिनट तक लगातार अलग अलग पोजीशन में चोदा.

फिर भाभी को अपने लंड पर बैठाकर उनकी गांड पकड़ कर उन्हें चोदने लगा.

दस मिनट की चुदाई के बाद भाभी झड़ गईं और मेरे ऊपर ही लेट गईं.

मैं उनकी गांड हिलाने लगा.
लगभग 5 मिनट बाद मेरे लंड ने भी जवाब दे दिया और मैं उनकी चूत में ही झड़ गया.

मैं भाभी को अपने ऊपर लेटाकर ही सो गया.
अगले दिन सुबह उठकर भाभी को प्यार से किस करता हुआ अपने घर चला गया.

दोस्तो, ये अपनी भाभी के साथ मेरी पहली चुदाई की कहानी थी.

अगली बार उनकी गांड चुदाई व थ्री-सम चुदाई की कहानी का मजा भी आपके साथ साझा करूंगा.

Read in English

bhaabhee kee chudaee hindee kahaanee mein mere taoo jee kee putravadhoo pati se alag sasuraal mein rah rahee thee. to unakee choot chudaee nahin ho rahee thee. mainne bhaabhee kee jaroorat ko samajh kar unakee choot aur gaand ka maja liya.

namaskaar dosto, mera naam deep hai. main uttaraakhand ke deharaadoon mein rahata hoon.
meree umr mahaj 19 saal hee hai lekin mera 7 inch ka land, pyaasee bhaabhiyon ke lie kaaphee mast hai.

yah meree pahalee chudaee kee pahalee kahaanee hai.
meree bhaabhee kee chudaee hindee kahaanee kee mukhy paatr meree 32 saal kee kamasin bhaabhee hain … jinaka 36-30-38 ka phigar bada hee laajavaab hai.
ve mere taoojee ke ladake kee beevee hain.

unake tane hue doodh dekhakar to hamesha hee mera land tan jaata tha.
darasal meree bhaabhee bhaiya ke saath bangalor mein rahatee hain.

pharavaree ke maheene bhaabhee apane pati ke saath ghar aaee huee theen.

bhaiya ko achaanak se apane kaam ke silasile mein vaapas jaana pad gaya.
to bhaabhee yahaan baakee parivaar ke saath hee rahane lageen.

ek din bhaabhee ka said stetas dekhane ke baad mainne yoon hee riplaee kar diya.
to usake baad bhaabhee ke saath meree kuchh alag see baaten shuroo hone lageen.

kuchh hee dinon mein bhaabhee ne mujhase apane dil kee baat bataate hue kaha ki ve mujhase pyaar karatee hain.
main to tha hee unake lie paagal!

ab bhaabhee meree garlaphrend ban gaee theen.
ham donon fon par saamaany baat karate karate kis karane lagate aur seks kee bhee baaten karane lagate the.

bhaabhee ne mujhe veediyo kol par apane boobs bhee dikhae the aur mera tana hua land bhee veediyo kol par dekha tha.

ab ham donon ko apane land aur choot ke milan ka intajaar tha.

ek din bhaabhee ne mujhe milane ke lie bula liya.

us din egjaam ke kaaran mujhe aane mein thodee der ho gaee.
main bhaabhee ke ghar hote hue apane ghar aaya.

unake ghar jaakar main bhaabhee ke man kee baat samajh gaya tha lekin unake parivaar ke any logon ke hote main kuchh nahin kar sakata tha.

kuchh din aur yoon hee chala, ham donon kee kaamuk bhaavanaen bhadakatee raheen.

phir aakhir vah din aa hee gaya, jab mainne bhaabhee kee pyaas bujhaee … aur meree pyaas bhaabhee ne!

yah maee maheene kee baat hai.
main us din bhaabhee ke ghar gaya tha.

unake ghar par koee nahin tha to mainne bhaabhee ko kis karana chaaloo kar diya.
bhaabhee ne bhee poora saath diya.

main kis karate karate bhaabhee ke 36 inch ke doodh dabaane laga aur unakee gardan ko chaatane laga.

bhaabhee bhee ‘aah … uh … iss’ kee aavaazen nikaalakar mujhe madahosh kar rahee theen magar hamaare paas sirph kis karane ka hee vakt tha.
unake ghar ke baakee ke log ghar vaapas aane vaale the.

bhaabhee kee chummiyaan lene se meree vaasana ne ugr roop dhaaran kar liya tha aur ab bhaabhee kee choot chode bina shaanti nahin milane vaalee thee.

isalie us din mainne bhaabhee ke ghar par hee rukane ka phaisala kar liya.

raat ko khaana khaane ke baad main baithak vaale kamare mein sone gaya.
par neend kise aane vaalee thee.

jab bhaabhee ko laga ki sab so gae hain to bhaabhee ne mujhe apane kamare mein bulaane ke lie kol kiya.

unaka kol dekh kar meree khushee ka thikaana nahin tha.
jindagee mein pahalee baar main aaj apanee javaanee jeene vaala tha, vah bhee bhaabhee ke saath.

vaise to main ab tak aur choot chod chuka tha par bhaabhee ke saath dil lag gaya tha.

main jaldee se unake room mein aa gaya.
bhaabhee bed par letee huee theen.

main unake peechhe jaakar chipak kar let gaya.

bhaabhee ko meree mahak mil gaee thee aur ve kaam se peedit maada kee bhaanti apanee gaand mere laude se ragadane lagee theen.

peechhe se hee main bhee unakee gardan ko kis karane laga.
main apane haath kabhee unakee peeth par pherata, to kabhee gardan par … aur kabhee tee-shart ke baahar se hee unake mammon par apane haath daba kar doodh dabaane ka maja lene lagata.
kabhee main unake loar ke andar apane ek haath ko daal kar unakee taangon ke beech mein chhed ko tatolane lagata.

mujhase ab sabr nahin ho raha tha.
to mainne apana ek haath tee-shart ke andar daalakar unake mammon ko dabaana chaaloo kar diya.

bhaabhee bhee kaaphee garm ho chukee theen, unakee choot mein kab se land nahin gaya tha.

ve meree taraph palateen aur ham donon ke honth ek ho gae.

bhaabhee ko kareeb 10 minat tak kis karane ke baad mainne unakee tee-shart hata dee.

ve mere saamane ek pink kalar kee bra pahanee huee theen aur apanee javaanee dikha kar mujhe madahosh kar rahee theen.
unakee bra ke oopar se hee mainne unake mammon ko dabaana chaaloo kiya aur unake saare badan ko chooma.

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