शादी में इवेंट मैनेजमेंट वाली को चोदा indiansexstories2 nice sex story

हॉट गर्ल सेटिंग सेक्स कहानी में मेरे दोस्त की शादी में इवेन्ट मैनेजमेंट करने आई लड़की के साथ मुझे सेक्स करने को मिला. ये कैसे हुआ?

सभी पाठकों को मेरा नमस्कार.
आज मैं एक नई सेक्स कहानी लेकर आया हूं जिसमें मैंने अपने दोस्त की शादी में इवेंट वाली लौंडिया को चोदा था.

अंतर्वासना की साइट पर यह मेरी दूसरी सेक्स कहानी है.

दोस्तो, मैं हॉट गर्ल सेटिंग सेक्स कहानी में पहले उस बला की खूबसूरत इवेंट वाली के बारे में बता देता हूं, जो मुझे मेरे दोस्त की शादी में मिली थी.

उस इवेंट वाली का नाम छाया था. उसका फिगर का साइज 32-28-34 का था और बड़ा ही मदमस्त फिगर था.
उसके बूब्स एकदम मदमस्त करने वाले थे.

मेरे दोस्त का नाम विशाल है और वह बहुत पैसे वाला है.
उसकी शादी का कार्यक्रम होना था.
इसलिए उसने अपनी शादी का अरेंजमेंट अपने फॉर्महाउस से करना तय किया.

उसका फॉर्महाउस इंदौर भोपाल रोड पर है.

मैं उसके फॉर्महाउस पर पहले भी गया हुआ हूं, तो आपको बता रहा हूं कि उसका फॉर्म बहुत बड़े एरिया में है और उसमें एक 4 बेडरूम वाला बंगला भी बना है. उसका यह फॉर्महाउस सारी सुख सुविधाओं से युक्त है.
शादी वहीं से करने का डिसाइड होने के बाद उसने एक इवेंट टीम को बुलाया था.
उस टीम में दो लड़के और तीन लड़कियां थीं.

मैं और विशाल उन सबके साथ फॉर्महाउस में आ गए.
उधर सारे अरेंजमेंट देखने लगे.
वह टीम सारे इवेंट फिक्स करने लगी.

हल्दी, मेहंदी, संगीत, रिसेप्शन आदि सब इवेंट तय किए कि किधर से क्या होगा.

इसी बीच इवेंट वाली टीम की एक लड़की छाया पता नहीं क्यों थोड़ी घबरा रही थी.
जब मैंने उससे इसका कारण पूछा, तो पता चला कि यह उसका पहला इवेंट है इसलिए वह घबरा रही थी.

खैर … जैसे तैसे मैंने उसे समझाया तो वह मुझसे संतुष्ट हो गई और उसका काम करने में मन लगने लगा.

उस दिन इससे ज्यादा कुछ नहीं हुआ.

अब हम लोगों ने एक व्हाट्सैप ग्रुप बनाया और सभी के नम्बर आपस में एक्सचेंज कर लिए.

अभी शादी को 20 दिन थे.
तो हम लोग कुछ भी जरूरी होता, ग्रुप में पोस्ट करते और उस काम को आपस में तय करके फिक्स कर लेते.

ज्यादातर काम मैं ही बताता था क्योंकि मेरे दोस्त के पापा ने शादी की तैयारी की जिम्मेदारी मुझे ही दे रखी थी.
जब भी मैं ग्रुप में कुछ पूछता या बताता, तो छाया का मेरे पास पर्सनल मैसेज आ जाता.

फिर वह मुझसे समझती कि क्या और कैसे करना है.
इसी के चलते छाया से मेरी बातें होती रहीं और हम दोनों दोस्त बन गए.

अब वह मुझे डायरेक्ट कॉल ही कर लेती थी.
फिर शादी का समय आया.

शादी के दो दिन पहले मैं और पूरी इवेंट टीम को फाइनल तैयारी के लिए फॉर्महाउस में जा रुकना था.

वहां हम सब अपने बैग आदि के साथ सुबह ही पहुंच गए थे.
सारे अरेजमेंट करते करते शाम हो गई.

हम सभी थक भी गए थे तो सभी लोग उधर ही रुकने का सोचने लगे.

लड़कियां और लड़के अलग अलग रूम में सोने चले गए.
मैं एक अलग रूम में चला गया.

वह कमरा ऊपर की मंजिल पर था. मैं अकेला ही रूम में पहुंच गया.

मुझे फिर अचानक कुछ अरेजमेंट को लेकर याद आया तो मैंने ग्रुप में मैसेज किया.

पर सभी सो गए होंगे, यह सोच कर मैंने एक मैसेज और भेज दिया कि सुबह जल्दी से ये काम निपटाना है.

मेरे दूसरे मैसेज के भेजते ही छाया का मेरे पास कॉल आ गया.
हम दोनों सुबह निपटने वाले काम को लेकर बात करने लगे.

तभी छाया ने कहा- वह काम भी अभी ही निपटा लेते हैं!
मैंने ओके कहा.

छाया और मैं अपने अपने कमरे से निकल कर गार्डन में आ गए.

छाया ने उस समय एक ढीली सी टी-शर्ट और लोवर पहना हुआ था.
मैंने भी वही पहना था.

हमें कुछ सामान एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करना था, जिस वजह से सामान को उठाने के चक्कर में बार बार नीचे झुकना पड़ रहा था.

इसी झुकने के चक्कर के मुझे छाया के बूब्स दिखाई दिए.
पहले तो मैंने इग्नोर कर दिया था लेकिन बार बार देखने से मेरा अन्दर का शैतान जागने लगा.

पर मैंने अपने आप पर कंट्रोल किया और काम निपटाने में लगा रहा.

जब हमने सामान दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया तो हमें वहां पर एक पोल पर लाइट टांगना था जिससे उजाला अच्छा हो.

अब मैं जैसे ही लाइट टांगने ऊपर चढ़ा, तो मेरा आधा खड़ा लंड लोवर में उभार बनाने लगा था.

खड़ा लंड छाया को दिखाई दिया और संयोग से मैं जिस टेबल पर चढ़ कर पोल में लाइट लगा रहा था, छाया उसे ही पकड़ी थी.

उसका चेहरा और मेरा लंड आमने सामने हो गया.
बिल्कुल एकदम उसके चेहरे के पास … इससे छाया एकदम घबरा गई और उसने टेबल हिला दी.

मेरा संतुलन बिगड़ गया और मैं गिरते गिरते बचा.
मैं छाया पर चिल्लाया तो वह डर गई और रोने लगी.
मुझे भी अच्छा नहीं लगा.

मैं कुछ ज्यादा ही जोर से चिल्ला दिया था.
मैंने उसे सॉरी बोला और चुप कराने लगा.
पर वह तो रोये ही जा रही थी.

फिर मैंने उसके कंधे पर हाथ रख कर पूछा- टेबल क्यों हिलाई?
उसने कुछ नहीं कहा.

मेरे 2-3 बार पूछने पर वह बताने लगी कि उस समय कैसी स्थिति थी!

मैंने भी उससे कहा कि वह स्थिति भी तुम्हारी वजह से ही हुई थी!

उसने अचम्भे से मेरी तरफ देखा और आंखों से ही सवाल किया कि मेरी वजह से कैसे?
अब तक हम दोनों थोड़ा सहज हो गए थे और एक दूसरे के सामने थोड़ा खुल गए थे.

मैंने उससे बोल दिया- जब तुम झुक रही थीं तो मुझे तुम्हारे बूब्स दिखाई दे रहे थे. बस उसी कारण मेरा शेर अंगड़ाई लेने लगा था.

उसने जैसे ही ये सुना, वह शर्मा गई और भाग कर अपने कमरे में पहुंच गई.

मैंने भी जल्दबाजी नहीं की और अपने कमरे में जाकर उसे मैसेज किया.
मैं उससे बात करने लगा.

वह भी बात तो कर रही थी, पर शर्मा बहुत रही थी.

फिर कुछ मिनट बात करके गुड नाईट का मैसेज किया और एक किस वाली इमोजी भेज कर मैं ऑफ लाइन हो गया.
अब मैं सो गया.

सुबह उठ कर मैंने मोबाइल चेक किया तो उसके 20 मैसेज थे जो डिलीट हुए पड़े थे.

अब मैं समझ नहीं पा रहा था कि उसने इन मैसेज में क्या भेजा होगा, क्या लिखा होगा!
पर सुबह काम की व्यस्तता के कारण कुछ पूछ भी नहीं पाया.
बस मैंने भी एक सवाल पूछने वाला सिंबल भेज दिया कि क्या डिलीट किया?

उसका उसने कोई जबाव नहीं लिखा था.

सारे दिन भर काम में लगे रहने के बाद मैं शाम को 4 बजे खाना खाने बैठा था.
मुझे खाना खाते देख कर छाया मेरे पास आई और बात करने लगी.

‘अब खाना खा रहे हो … अब तक क्यों नहीं खाया?’
जब मैंने सारे जवाब दिए और रात के मैसेज का पूछा, तो वह एक प्यारी सी स्माइल देकर भाग गई.

अब मैं कुछ कुछ समझने लगा था कि बाबा लड़की सैट हो गई है.

मैंने खाना खाया और छाया को ढूंढने लगा.
तो पता चला कि सारी टीम बैठ कर बात कर रही थी कि कुछ सामान लेने इंदौर जाना पड़ेगा पर उनकी गाड़ी अभी तक नहीं आई.

तब मैंने कहा- बोलो तो मैं चला जाता हूं.
मेरे पास दोस्त की गाड़ी और ड्राइवर दोनों थे.

इस पर इवेंट वाला एक लड़का और मैं गाड़ी के पास पहुंचे तो पता चला कि ड्राइवर दारू के नशे में टुन्न पड़ा है.

अब सामान लेने कैसे जाया जाए.
मुझे गाड़ी चलानी भी नहीं आती थी और न ही उस इवेंट वाले लड़के को!

तब उसने कहा कि छाया को कार चलाना आती है.
मैं बहुत खुश हुआ कि अब छाया भी साथ चलेगी.
लेकिन यहां के काम के चलते एक ही मेम्बर को बाहर जाने दिया जा सकता था.

फिर छाया और मैं गाड़ी लेकर निकल गए.
मैं छाया के साथ ही आगे बैठ गया और रास्ते के मैंने पूछा कि आखिर रात के मैसेज तो बताओ … क्या था उनमें!

वह बस मुस्कुरा दी और बोली- समझ सको तो समझो.
अब मैं क्या समझता … मैं तो उसकी आंखों में देखते हुए उसके हाथ को पकड़ने लगा.

उसने पहले तो मेरी तरफ देखा और कहा- गाड़ी चलाने दो!
उसका यह कहना हुआ, तो मुझे गेंद अपने पाले में आती हुई लगी.

मैंने धीरे से छाया के पीछे से हाथ डाला और उसकी कमर को पकड़ने लगा.
छाया कहने लगी- अरे यार गाड़ी चलाने दो अभी!
पर मैंने उसे कमर में जोर से चिमटी काटी, जिससे उसने एकदम से ब्रेक लगा दिए और मेरा सर कार के डैश बोर्ड से जा लगा.

छाया ने मुझसे बार बार सॉरी कहा और कार को साइड में रोक कर मुझे देखने लगी कि कहीं ज्यादा तो नहीं लगी.
मुझे उसके करीब होना बहुत अच्छा लग रहा था.

अचानक से मैंने उसे कमर से पकड़ा और उसके होंठों पर किस कर दी.
पहले तो वह एकदम डर गई.
उसे उम्मीद ही नहीं थी कि मैं ऐसा कर दूंगा.

वह मुझसे अलग हो गई और वापस कार को मंजिल की और दौड़ाने लगी.
मैं भी कुछ नहीं बोला, बस चुपचाप आगे देखता रहा.

इंदौर से हमें जो सामान लेना था, वह तैयार था.
हमने वह सामान लिया और वापस चलने लगे.

तभी मैंने छाया से कहा- मुझे अपने घर से कपड़े लेना है तो घर से लेते हुए चलते हैं.

मैं घर पहुंचा तो पता चला घर पर मम्मी हैं और वे भी छत पर हैं. वे पास वाली आंटी से बात कर रही हैं.
उन्हें पता ही नहीं चला कि मेरे साथ एक लड़की भी आई है.

अब घर में तो मैं बिल्कुल छाया पर टूट ही पड़ा.
मैं उसे जोरों से किस करने लगा.

दो ही मिनट में वह भी मेरा साथ देने लगी और हमारा किस कोई दस मिनट तक चला होगा.
उस समय में मैंने उसके पूरे शरीर का नाप ले लिया था.

जब हम दोनों अलग हुए तो हमारी सांसें ऐसे फूल गई थीं जैसे हम दोनों न जाने कितनी दूर से दौड़ कर आए हों.

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जैसे ही हम थोड़े सामान्य हुए तो अलग हो गए और मैं अपने कपड़े लेकर वापस निकल आया.

फॉर्महाउस पहुंचते पहुंचते मैंने कई बार छाया के मम्मों को मसलने का मजा लिया.

मैंने उसे अपने लंड का भी दीदार करवाया और लंड को उसके हाथों से भी सहलवाया.

अब कंट्रोल करने मेरे लिए बहुत मुश्किल हो रहा था.
मैं चाहता था कि एक बार तो फटाफट वाला हो ही जाए.
पर छाया इसके आगे कुछ करने का मना कर रही थी.

जब हम दोनों फॉर्महाउस पहुंचे तो काम में लग गए.
रात में खाना खाया और उसी समय मेरा दोस्त और उसके मम्मी पापा भी आ गए.

अब चार बेडरूम में से एक में मम्मी पापा, दूसरे कमरे में इवेंट वाली लड़कियां, तीसरे में इवेंट वाले लड़के और चौथे में मैं और मेरा दोस्त लेटे थे.
इस तरह सारे बेडरूम बंट गए थे.

पर मैं सोच रहा था कि छाया को कहां और कैसे चोदा जाए.

मैंने रात में 11 बजे छाया को मैसेज किया और उसे छत पर बुलाया.

वहां एक स्टोर रूम और सोलर पैनल वाली बैटरियां रखी थीं.

मैं छाया को उसी रूम में ले गया.

वहां एक पुराना गद्दा भी पड़ा था.
बस उसी गद्दे को बिछा कर हम दोनों लेट गए और एक दूसरे की बांहों में चिपक गए.

शुरुआत किस से हुई और गर्दन से चुंबन होते हुए मैं उसके मम्मों पर पहुंच गया.

मैंने उसके दूध दबाते हुए उसकी टी-शर्ट और ब्रा को एक साथ ऊपर कर दिया.
उसके एकदम गोल गोल और टाइट दूध मेरी नजरों के सामने थे.

मैं उन्हें चूसने ही वाला था कि उसने अपने हाथों से अपने मम्मों को छुपा लिया.

मैंने थोड़ा जोर लगा कर उसके मम्मों को उसके हाथों की कैद से आजाद किए और एक को चूसने लगा.

आह … क्या मजा आ रहा था उन मम्मों को चूसने में … बता नहीं सकता यार.
कितने सख्त थे उसके बूब्स, मजा ही आ गया!
मैं एक को चूसता, दूसरे को हाथ से दबाता. फिर दूसरे को चूसता और पहले को हाथ से दबाता.

इसी सब में कब 12 बज गए, पता ही नहीं चला.
बूब्स चूसने से और किस करने से मैंने छाया को गर्म तो कर दिया था पर अभी भी वह चुदने को राजी नहीं थी.

मैंने कहा- मत डालने दो अन्दर … पर छेद तो देखने दो!
वह उसमें भी राजी नहीं हुई.

मैंने कहा- यार, मेरी हालत खराब हो रही है, तुम्हें देख कर मेरा लंड देखो, कितना कड़क हो गया है और फूल गया है!

छाया हंस कर कहने लगी- हाथ से ढीला कर लो!
मैंने कहा- चलो, तुम यही कर दो या अपने मुँह से चूस दो!
वह मना करने लगी.

मेरे बहुत मनाने पर उसने मुँह में लेने की बात मान ली.
अब वह मेरे लंड को चूसने लगी.

उसे लंड चूसना नहीं आता था, साली ने न जाने कितनी बार मेरे लंड पर अपने दाँत लगा दिए थे.
मैं भी अड़ा रहा और लंड चुसवाता रहा.

जब लंड चूसते चूसते उसका मुँह दुखने लगा तो वह हट गई, पर मेरा लंड खाली नहीं हुआ.

मैंने कहा- और चूसो!
उसने मना कर दिया और हाथ जोड़ लिए.

वह बोली- अब तुम अपने हाथ से ही खाली कर लो!

मैंने कहा- अच्छा एक काम करो, अन्दर मत डालने दो … मैं बाहर ही चूत पर लंड घिस कर खाली कर दूंगा. बस तुम चूत खोल दो!

वह मना करने लगी.
पर धीरे धीरे वह मान गई और मैंने उसकी चूत खोल दी.

आह क्या चूत थी उसकी … एकदम सफाचट … झांट का एक भी बाल नहीं था.
शायद वह अपनी चूत की वैक्सिंग करवाती होगी.

जब मैंने उनकी चिकनी चूत देखी तो मैंने अपना आपा ही खो दिया और उसकी चूत को जोर जोर से चूमने चाटने लगा.
वह भी मदहोशी में सिसकारियां लेने लगी और मुझे अपनी ओर खींचने लगी.

इसी बीच मैंने लंड को उसकी चूत पर टच कर दिया.
तो वह एकदम से कांप गई और उसने मुझे अपने से चिपका लिया.

मैंने भी अपना लंड पकड़ा और उसकी चूत पर घिसने लगा.

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धीरे धीरे लंड घिसवाते हुए जब वह कंट्रोल से बाहर हुई, तो मैंने एकदम से लंड को चूत की गहराई में उतार दिया.

मुझे तो लगा था कि छाया कुंवारी होगी, सील पैक होगी … पर वह तो बहन की लौड़ी खेली खाई थी.

लंड अन्दर जाते ही वह एकदम से उचकी और मुझे पकड़ कर बोली- कर ली मन की … अब जल्दी जल्दी करो और माल बाहर ही निकालना.

मैं अपने लंड को उसकी चूत के अन्दर डाले हुए धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा.
उसे भी चूत चुदवाने में मजा आने लगा. वह भी अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी.

मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ाई और पूरी ताकत से अपनी शताब्दी एक्सप्रेस दौड़ा दी.
कमरे में चुदाई का संगीत बजने लगा. उसे भी मजा आ रहा था और मुझे भी … हमारी चुदाई जोरों से चल रही थी.

टप टप की आवाज से मौसम सुहाना हुआ जा रहा था.
तभी वह अकड़ गई और झड़ गई.

मैंने कहा- क्या हुआ?
उसने बताया- मैं दूसरी बार झड़ी हूँ.

मैंने पूछा- पहली बार कब हुआ था?
उसने कहा- पहली बार तो लंड घिसने से ही झड़ गई थी.

खैर … दूसरी बार झड़ने के बाद वह थोड़ी शांत हो गई थी.

पर मैं अभी तक नहीं झड़ा था तो मैंने उसकी चूत से लंड निकाल लिया.

वह बोली- क्या हुआ?
मैंने कहा- पीछे से लूँगा!

वह बोली- नहीं, उधर से मैं नहीं लेती हूँ!
मैंने कहा- अबे गांड में नहीं पेलना है, पीछे से चूत में पेलूँगा.

वह हंस दी और मैंने उसे घोड़ी बना लिया.
पीछे से उसकी कमर को पकड़ कर उसकी चूत में लंड डाल कर अपनी कमर हिलाने लगा.

वह भी घोड़ी बनकर गांड हिला रही थी.
उस वजह से मेरा पूरा लंड चूत में अन्दर तक जा रहा था.

छाया और उसकी चूत से निकलने वाली फ़च फ़च की आवाजें मेरा जोश और बढ़ा रही थीं.

थोड़ी देर तक घोड़ी बना कर चोदने के बाद मेरा लंड पिचकारी मारने को तैयार था.

मैंने पूछा- कहां लोगी?
उसने कहा- चूत के अलावा कहीं भी!

मैंने उसे लंड की पिचकारी अपने मुँह में लेने के लिए मनाया और एकदम से पलटा कर उसके मुँह में लंड दे दिया.

जरा सा लंड चूसने के बाद मैं एकदम से उसके मुँह में ही झड़ गया.

उसने सारा माल गिरने तक मुँह में लंड को रहने दिया, फिर लंड निकाल कर सारा माल बाहर थूक दिया.

फिर मैंने इधर उधर देखा तो उधर छत पर पानी का नल लगा था.

मैं एक मग में उसके लिए पानी लाया तो उसने कुल्ला किया और कपड़े पहन कर सही हो गई.

मैंने समय देखा तो रात के एक बजे का समय हो रहा था.
तब मैंने भी अपने कपड़े पहने और हम दोनों नीचे आ गए.
फिर अपने अपने कमरे में सोने चले गए.

उसके बाद दो दिन तक हम दोनों शादी में रहे और दोनों रात में मौका पाते ही चुदाई की.
छाया के साथ चुदाई में हर बार एक अलग मजा आया.

जब मैंने उससे पूछा- पहले कब चुदाई हुई और किसने की?

उसने बताया कि मेरे अंकल के लड़के ने मेरी सील तोड़ी थी और मुझे चोदा था. उन्होंने अपनी सुहागरात को पहले मुझे चोदा था, फिर अपनी बीवी को.

मैंने उससे पूरा वाकिया सुनने की ख्वाहिश जताई तो वह बोली- हां, बाद में जरूर किसी दिन सुन लेना.

इस तरह छाया के साथ मेरी चुदाई हुई.
अब वह मेरे संपर्क में नहीं है.
पर उसकी याद बहुत आती है.

आपको इवेंट वाली लड़की छाया की हॉट गर्ल सेटिंग सेक्स कहानी कैसी लगी.
प्लीज अपने सुझाव मुझे जरूर मेल करें.हॉट गर्ल सेटिंग सेक्स कहानी में मेरे दोस्त की शादी में इवेन्ट मैनेजमेंट करने आई लड़की के साथ मुझे सेक्स करने को मिला. ये कैसे हुआ?

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उस इवेंट वाली का नाम छाया था. उसका फिगर का साइज 32-28-34 का था और बड़ा ही मदमस्त फिगर था.
उसके बूब्स एकदम मदमस्त करने वाले थे.

मेरे दोस्त का नाम विशाल है और वह बहुत पैसे वाला है.
उसकी शादी का कार्यक्रम होना था.
इसलिए उसने अपनी शादी का अरेंजमेंट अपने फॉर्महाउस से करना तय किया.

उसका फॉर्महाउस इंदौर भोपाल रोड पर है.

मैं उसके फॉर्महाउस पर पहले भी गया हुआ हूं, तो आपको बता रहा हूं कि उसका फॉर्म बहुत बड़े एरिया में है और उसमें एक 4 बेडरूम वाला बंगला भी बना है. उसका यह फॉर्महाउस सारी सुख सुविधाओं से युक्त है.
शादी वहीं से करने का डिसाइड होने के बाद उसने एक इवेंट टीम को बुलाया था.
उस टीम में दो लड़के और तीन लड़कियां थीं.

मैं और विशाल उन सबके साथ फॉर्महाउस में आ गए.
उधर सारे अरेंजमेंट देखने लगे.
वह टीम सारे इवेंट फिक्स करने लगी.

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इसी बीच इवेंट वाली टीम की एक लड़की छाया पता नहीं क्यों थोड़ी घबरा रही थी.
जब मैंने उससे इसका कारण पूछा, तो पता चला कि यह उसका पहला इवेंट है इसलिए वह घबरा रही थी.

खैर … जैसे तैसे मैंने उसे समझाया तो वह मुझसे संतुष्ट हो गई और उसका काम करने में मन लगने लगा.

उस दिन इससे ज्यादा कुछ नहीं हुआ.

अब हम लोगों ने एक व्हाट्सैप ग्रुप बनाया और सभी के नम्बर आपस में एक्सचेंज कर लिए.

अभी शादी को 20 दिन थे.
तो हम लोग कुछ भी जरूरी होता, ग्रुप में पोस्ट करते और उस काम को आपस में तय करके फिक्स कर लेते.

ज्यादातर काम मैं ही बताता था क्योंकि मेरे दोस्त के पापा ने शादी की तैयारी की जिम्मेदारी मुझे ही दे रखी थी.
जब भी मैं ग्रुप में कुछ पूछता या बताता, तो छाया का मेरे पास पर्सनल मैसेज आ जाता.

फिर वह मुझसे समझती कि क्या और कैसे करना है.
इसी के चलते छाया से मेरी बातें होती रहीं और हम दोनों दोस्त बन गए.

अब वह मुझे डायरेक्ट कॉल ही कर लेती थी.
फिर शादी का समय आया.

शादी के दो दिन पहले मैं और पूरी इवेंट टीम को फाइनल तैयारी के लिए फॉर्महाउस में जा रुकना था.

वहां हम सब अपने बैग आदि के साथ सुबह ही पहुंच गए थे.
सारे अरेजमेंट करते करते शाम हो गई.

हम सभी थक भी गए थे तो सभी लोग उधर ही रुकने का सोचने लगे.

लड़कियां और लड़के अलग अलग रूम में सोने चले गए.
मैं एक अलग रूम में चला गया.

वह कमरा ऊपर की मंजिल पर था. मैं अकेला ही रूम में पहुंच गया.

मुझे फिर अचानक कुछ अरेजमेंट को लेकर याद आया तो मैंने ग्रुप में मैसेज किया.

पर सभी सो गए होंगे, यह सोच कर मैंने एक मैसेज और भेज दिया कि सुबह जल्दी से ये काम निपटाना है.

मेरे दूसरे मैसेज के भेजते ही छाया का मेरे पास कॉल आ गया.
हम दोनों सुबह निपटने वाले काम को लेकर बात करने लगे.

तभी छाया ने कहा- वह काम भी अभी ही निपटा लेते हैं!
मैंने ओके कहा.

छाया और मैं अपने अपने कमरे से निकल कर गार्डन में आ गए.

छाया ने उस समय एक ढीली सी टी-शर्ट और लोवर पहना हुआ था.
मैंने भी वही पहना था.

हमें कुछ सामान एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करना था, जिस वजह से सामान को उठाने के चक्कर में बार बार नीचे झुकना पड़ रहा था.

इसी झुकने के चक्कर के मुझे छाया के बूब्स दिखाई दिए.
पहले तो मैंने इग्नोर कर दिया था लेकिन बार बार देखने से मेरा अन्दर का शैतान जागने लगा.

पर मैंने अपने आप पर कंट्रोल किया और काम निपटाने में लगा रहा.

जब हमने सामान दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया तो हमें वहां पर एक पोल पर लाइट टांगना था जिससे उजाला अच्छा हो.

अब मैं जैसे ही लाइट टांगने ऊपर चढ़ा, तो मेरा आधा खड़ा लंड लोवर में उभार बनाने लगा था.

खड़ा लंड छाया को दिखाई दिया और संयोग से मैं जिस टेबल पर चढ़ कर पोल में लाइट लगा रहा था, छाया उसे ही पकड़ी थी.

उसका चेहरा और मेरा लंड आमने सामने हो गया.
बिल्कुल एकदम उसके चेहरे के पास … इससे छाया एकदम घबरा गई और उसने टेबल हिला दी.

मेरा संतुलन बिगड़ गया और मैं गिरते गिरते बचा.
मैं छाया पर चिल्लाया तो वह डर गई और रोने लगी.
मुझे भी अच्छा नहीं लगा.

मैं कुछ ज्यादा ही जोर से चिल्ला दिया था.
मैंने उसे सॉरी बोला और चुप कराने लगा.
पर वह तो रोये ही जा रही थी.

फिर मैंने उसके कंधे पर हाथ रख कर पूछा- टेबल क्यों हिलाई?
उसने कुछ नहीं कहा.

मेरे 2-3 बार पूछने पर वह बताने लगी कि उस समय कैसी स्थिति थी!

मैंने भी उससे कहा कि वह स्थिति भी तुम्हारी वजह से ही हुई थी!

उसने अचम्भे से मेरी तरफ देखा और आंखों से ही सवाल किया कि मेरी वजह से कैसे?
अब तक हम दोनों थोड़ा सहज हो गए थे और एक दूसरे के सामने थोड़ा खुल गए थे.

मैंने उससे बोल दिया- जब तुम झुक रही थीं तो मुझे तुम्हारे बूब्स दिखाई दे रहे थे. बस उसी कारण मेरा शेर अंगड़ाई लेने लगा था.

उसने जैसे ही ये सुना, वह शर्मा गई और भाग कर अपने कमरे में पहुंच गई.

मैंने भी जल्दबाजी नहीं की और अपने कमरे में जाकर उसे मैसेज किया.
मैं उससे बात करने लगा.

वह भी बात तो कर रही थी, पर शर्मा बहुत रही थी.

फिर कुछ मिनट बात करके गुड नाईट का मैसेज किया और एक किस वाली इमोजी भेज कर मैं ऑफ लाइन हो गया.
अब मैं सो गया.

सुबह उठ कर मैंने मोबाइल चेक किया तो उसके 20 मैसेज थे जो डिलीट हुए पड़े थे.

अब मैं समझ नहीं पा रहा था कि उसने इन मैसेज में क्या भेजा होगा, क्या लिखा होगा!
पर सुबह काम की व्यस्तता के कारण कुछ पूछ भी नहीं पाया.
बस मैंने भी एक सवाल पूछने वाला सिंबल भेज दिया कि क्या डिलीट किया?

उसका उसने कोई जबाव नहीं लिखा था.

सारे दिन भर काम में लगे रहने के बाद मैं शाम को 4 बजे खाना खाने बैठा था.
मुझे खाना खाते देख कर छाया मेरे पास आई और बात करने लगी.

‘अब खाना खा रहे हो … अब तक क्यों नहीं खाया?’
जब मैंने सारे जवाब दिए और रात के मैसेज का पूछा, तो वह एक प्यारी सी स्माइल देकर भाग गई.

अब मैं कुछ कुछ समझने लगा था कि बाबा लड़की सैट हो गई है.

मैंने खाना खाया और छाया को ढूंढने लगा.
तो पता चला कि सारी टीम बैठ कर बात कर रही थी कि कुछ सामान लेने इंदौर जाना पड़ेगा पर उनकी गाड़ी अभी तक नहीं आई.

तब मैंने कहा- बोलो तो मैं चला जाता हूं.
मेरे पास दोस्त की गाड़ी और ड्राइवर दोनों थे.

इस पर इवेंट वाला एक लड़का और मैं गाड़ी के पास पहुंचे तो पता चला कि ड्राइवर दारू के नशे में टुन्न पड़ा है.

अब सामान लेने कैसे जाया जाए.
मुझे गाड़ी चलानी भी नहीं आती थी और न ही उस इवेंट वाले लड़के को!

तब उसने कहा कि छाया को कार चलाना आती है.
मैं बहुत खुश हुआ कि अब छाया भी साथ चलेगी.
लेकिन यहां के काम के चलते एक ही मेम्बर को बाहर जाने दिया जा सकता था.

फिर छाया और मैं गाड़ी लेकर निकल गए.
मैं छाया के साथ ही आगे बैठ गया और रास्ते के मैंने पूछा कि आखिर रात के मैसेज तो बताओ … क्या था उनमें!

वह बस मुस्कुरा दी और बोली- समझ सको तो समझो.
अब मैं क्या समझता … मैं तो उसकी आंखों में देखते हुए उसके हाथ को पकड़ने लगा.

उसने पहले तो मेरी तरफ देखा और कहा- गाड़ी चलाने दो!
उसका यह कहना हुआ, तो मुझे गेंद अपने पाले में आती हुई लगी.

मैंने धीरे से छाया के पीछे से हाथ डाला और उसकी कमर को पकड़ने लगा.
छाया कहने लगी- अरे यार गाड़ी चलाने दो अभी!
पर मैंने उसे कमर में जोर से चिमटी काटी, जिससे उसने एकदम से ब्रेक लगा दिए और मेरा सर कार के डैश बोर्ड से जा लगा.

छाया ने मुझसे बार बार सॉरी कहा और कार को साइड में रोक कर मुझे देखने लगी कि कहीं ज्यादा तो नहीं लगी.
मुझे उसके करीब होना बहुत अच्छा लग रहा था.

अचानक से मैंने उसे कमर से पकड़ा और उसके होंठों पर किस कर दी.
पहले तो वह एकदम डर गई.
उसे उम्मीद ही नहीं थी कि मैं ऐसा कर दूंगा.

वह मुझसे अलग हो गई और वापस कार को मंजिल की और दौड़ाने लगी.
मैं भी कुछ नहीं बोला, बस चुपचाप आगे देखता रहा.

इंदौर से हमें जो सामान लेना था, वह तैयार था.
हमने वह सामान लिया और वापस चलने लगे.

तभी मैंने छाया से कहा- मुझे अपने घर से कपड़े लेना है तो घर से लेते हुए चलते हैं.

मैं घर पहुंचा तो पता चला घर पर मम्मी हैं और वे भी छत पर हैं. वे पास वाली आंटी से बात कर रही हैं.
उन्हें पता ही नहीं चला कि मेरे साथ एक लड़की भी आई है.

अब घर में तो मैं बिल्कुल छाया पर टूट ही पड़ा.
मैं उसे जोरों से किस करने लगा.

दो ही मिनट में वह भी मेरा साथ देने लगी और हमारा किस कोई दस मिनट तक चला होगा.
उस समय में मैंने उसके पूरे शरीर का नाप ले लिया था.

जब हम दोनों अलग हुए तो हमारी सांसें ऐसे फूल गई थीं जैसे हम दोनों न जाने कितनी दूर से दौड़ कर आए हों.

जैसे ही हम थोड़े सामान्य हुए तो अलग हो गए और मैं अपने कपड़े लेकर वापस निकल आया.

फॉर्महाउस पहुंचते पहुंचते मैंने कई बार छाया के मम्मों को मसलने का मजा लिया.

मैंने उसे अपने लंड का भी दीदार करवाया और लंड को उसके हाथों से भी सहलवाया.

अब कंट्रोल करने मेरे लिए बहुत मुश्किल हो रहा था.
मैं चाहता था कि एक बार तो फटाफट वाला हो ही जाए.
पर छाया इसके आगे कुछ करने का मना कर रही थी.

जब हम दोनों फॉर्महाउस पहुंचे तो काम में लग गए.
रात में खाना खाया और उसी समय मेरा दोस्त और उसके मम्मी पापा भी आ गए.

अब चार बेडरूम में से एक में मम्मी पापा, दूसरे कमरे में इवेंट वाली लड़कियां, तीसरे में इवेंट वाले लड़के और चौथे में मैं और मेरा दोस्त लेटे थे.
इस तरह सारे बेडरूम बंट गए थे.

पर मैं सोच रहा था कि छाया को कहां और कैसे चोदा जाए.

मैंने रात में 11 बजे छाया को मैसेज किया और उसे छत पर बुलाया.

वहां एक स्टोर रूम और सोलर पैनल वाली बैटरियां रखी थीं.

मैं छाया को उसी रूम में ले गया.

वहां एक पुराना गद्दा भी पड़ा था.
बस उसी गद्दे को बिछा कर हम दोनों लेट गए और एक दूसरे की बांहों में चिपक गए.

शुरुआत किस से हुई और गर्दन से चुंबन होते हुए मैं उसके मम्मों पर पहुंच गया.

मैंने उसके दूध दबाते हुए उसकी टी-शर्ट और ब्रा को एक साथ ऊपर कर दिया.
उसके एकदम गोल गोल और टाइट दूध मेरी नजरों के सामने थे.

मैं उन्हें चूसने ही वाला था कि उसने अपने हाथों से अपने मम्मों को छुपा लिया.

मैंने थोड़ा जोर लगा कर उसके मम्मों को उसके हाथों की कैद से आजाद किए और एक को चूसने लगा.

आह … क्या मजा आ रहा था उन मम्मों को चूसने में … बता नहीं सकता यार.
कितने सख्त थे उसके बूब्स, मजा ही आ गया!
मैं एक को चूसता, दूसरे को हाथ से दबाता. फिर दूसरे को चूसता और पहले को हाथ से दबाता.

इसी सब में कब 12 बज गए, पता ही नहीं चला.
बूब्स चूसने से और किस करने से मैंने छाया को गर्म तो कर दिया था पर अभी भी वह चुदने को राजी नहीं थी.

मैंने कहा- मत डालने दो अन्दर … पर छेद तो देखने दो!
वह उसमें भी राजी नहीं हुई.

मैंने कहा- यार, मेरी हालत खराब हो रही है, तुम्हें देख कर मेरा लंड देखो, कितना कड़क हो गया है और फूल गया है!

छाया हंस कर कहने लगी- हाथ से ढीला कर लो!
मैंने कहा- चलो, तुम यही कर दो या अपने मुँह से चूस दो!
वह मना करने लगी.

मेरे बहुत मनाने पर उसने मुँह में लेने की बात मान ली.
अब वह मेरे लंड को चूसने लगी.

उसे लंड चूसना नहीं आता था, साली ने न जाने कितनी बार मेरे लंड पर अपने दाँत लगा दिए थे.
मैं भी अड़ा रहा और लंड चुसवाता रहा.

जब लंड चूसते चूसते उसका मुँह दुखने लगा तो वह हट गई, पर मेरा लंड खाली नहीं हुआ.

मैंने कहा- और चूसो!
उसने मना कर दिया और हाथ जोड़ लिए.

वह बोली- अब तुम अपने हाथ से ही खाली कर लो!

मैंने कहा- अच्छा एक काम करो, अन्दर मत डालने दो … मैं बाहर ही चूत पर लंड घिस कर खाली कर दूंगा. बस तुम चूत खोल दो!

वह मना करने लगी.
पर धीरे धीरे वह मान गई और मैंने उसकी चूत खोल दी.

आह क्या चूत थी उसकी … एकदम सफाचट … झांट का एक भी बाल नहीं था.
शायद वह अपनी चूत की वैक्सिंग करवाती होगी.

जब मैंने उनकी चिकनी चूत देखी तो मैंने अपना आपा ही खो दिया और उसकी चूत को जोर जोर से चूमने चाटने लगा.
वह भी मदहोशी में सिसकारियां लेने लगी और मुझे अपनी ओर खींचने लगी.

इसी बीच मैंने लंड को उसकी चूत पर टच कर दिया.
तो वह एकदम से कांप गई और उसने मुझे अपने से चिपका लिया.

मैंने भी अपना लंड पकड़ा और उसकी चूत पर घिसने लगा.

धीरे धीरे लंड घिसवाते हुए जब वह कंट्रोल से बाहर हुई, तो मैंने एकदम से लंड को चूत की गहराई में उतार दिया.

मुझे तो लगा था कि छाया कुंवारी होगी, सील पैक होगी … पर वह तो बहन की लौड़ी खेली खाई थी.

लंड अन्दर जाते ही वह एकदम से उचकी और मुझे पकड़ कर बोली- कर ली मन की … अब जल्दी जल्दी करो और माल बाहर ही निकालना.

मैं अपने लंड को उसकी चूत के अन्दर डाले हुए धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा.
उसे भी चूत चुदवाने में मजा आने लगा. वह भी अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी.

मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ाई और पूरी ताकत से अपनी शताब्दी एक्सप्रेस दौड़ा दी.
कमरे में चुदाई का संगीत बजने लगा. उसे भी मजा आ रहा था और मुझे भी … हमारी चुदाई जोरों से चल रही थी.

टप टप की आवाज से मौसम सुहाना हुआ जा रहा था.
तभी वह अकड़ गई और झड़ गई.

मैंने कहा- क्या हुआ?
उसने बताया- मैं दूसरी बार झड़ी हूँ.

मैंने पूछा- पहली बार कब हुआ था?
उसने कहा- पहली बार तो लंड घिसने से ही झड़ गई थी.

खैर … दूसरी बार झड़ने के बाद वह थोड़ी शांत हो गई थी.

पर मैं अभी तक नहीं झड़ा था तो मैंने उसकी चूत से लंड निकाल लिया.

वह बोली- क्या हुआ?
मैंने कहा- पीछे से लूँगा!

वह बोली- नहीं, उधर से मैं नहीं लेती हूँ!
मैंने कहा- अबे गांड में नहीं पेलना है, पीछे से चूत में पेलूँगा.

वह हंस दी और मैंने उसे घोड़ी बना लिया.
पीछे से उसकी कमर को पकड़ कर उसकी चूत में लंड डाल कर अपनी कमर हिलाने लगा.

वह भी घोड़ी बनकर गांड हिला रही थी.
उस वजह से मेरा पूरा लंड चूत में अन्दर तक जा रहा था.

छाया और उसकी चूत से निकलने वाली फ़च फ़च की आवाजें मेरा जोश और बढ़ा रही थीं.

थोड़ी देर तक घोड़ी बना कर चोदने के बाद मेरा लंड पिचकारी मारने को तैयार था.

मैंने पूछा- कहां लोगी?
उसने कहा- चूत के अलावा कहीं भी!

मैंने उसे लंड की पिचकारी अपने मुँह में लेने के लिए मनाया और एकदम से पलटा कर उसके मुँह में लंड दे दिया.

जरा सा लंड चूसने के बाद मैं एकदम से उसके मुँह में ही झड़ गया.

उसने सारा माल गिरने तक मुँह में लंड को रहने दिया, फिर लंड निकाल कर सारा माल बाहर थूक दिया.

फिर मैंने इधर उधर देखा तो उधर छत पर पानी का नल लगा था.

मैं एक मग में उसके लिए पानी लाया तो उसने कुल्ला किया और कपड़े पहन कर सही हो गई.

मैंने समय देखा तो रात के एक बजे का समय हो रहा था.
तब मैंने भी अपने कपड़े पहने और हम दोनों नीचे आ गए.
फिर अपने अपने कमरे में सोने चले गए.

उसके बाद दो दिन तक हम दोनों शादी में रहे और दोनों रात में मौका पाते ही चुदाई की.
छाया के साथ चुदाई में हर बार एक अलग मजा आया.

जब मैंने उससे पूछा- पहले कब चुदाई हुई और किसने की?

उसने बताया कि मेरे अंकल के लड़के ने मेरी सील तोड़ी थी और मुझे चोदा था. उन्होंने अपनी सुहागरात को पहले मुझे चोदा था, फिर अपनी बीवी को.

मैंने उससे पूरा वाकिया सुनने की ख्वाहिश जताई तो वह बोली- हां, बाद में जरूर किसी दिन सुन लेना.

इस तरह छाया के साथ मेरी चुदाई हुई.
अब वह मेरे संपर्क में नहीं है.
पर उसकी याद बहुत आती है.

आपको इवेंट वाली लड़की छाया की हॉट गर्ल सेटिंग सेक्स कहानी कैसी लगी.
प्लीज अपने सुझाव मुझे जरूर मेल करें.

Read In English

Fucked the event management lady at the wedding

In this hot girl setting sex story, I got to have sex with the girl who came to do event management in my friend’s wedding. How did this happen?

Hello to all the readers.

Today I have brought a new sex story in which I fucked the event girl in my friend’s wedding.

This is my second sex story on the site of Antarvasna.

Friends, in this hot girl setting sex story, first let me tell you about the beautiful event girl who I met in my friend’s wedding.

The name of that event girl was Chhaya. Her figure size was 32-28-34 and she had a very sexy figure.

Her boobs were very sexy.

My friend’s name is Vishal and he is very rich.

His wedding was to be held.

So he decided to arrange his wedding from his farmhouse.

His farmhouse is on Indore Bhopal Road.

I have been to his farmhouse before, so I am telling you that his farm is in a very big area and there is a 4 bedroom bungalow built in it. This farmhouse of his is equipped with all the comforts.

After deciding to get married there, he called an event team.

There were two boys and three girls in that team.

Vishal and I came to the farmhouse with all of them.

We started looking after all the arrangements there.

That team started fixing all the events.

All the events like haldi, mehndi, sangeet, reception etc. were decided as to what would happen where.

Meanwhile, one girl from the event team, Chaaya, was feeling a little nervous, I don’t know why.

When I asked her the reason for this, I came to know that this was her first event and that’s why she was nervous.

Well… somehow I explained to her and she was satisfied with me and started getting busy with her work.

Nothing more happened that day.

Now we made a WhatsApp group and exchanged everyone’s numbers.

There were still 20 days left for the wedding. So, we used to post anything important in the group and fix it by discussing it among ourselves.

I used to tell most of the work because my friend’s father had given me the responsibility of preparing for the wedding.

Whenever I would ask or tell something in the group, I would get a personal message from Chhaya.

Then she would understand from me what to do and how to do it.

Due to this, I kept talking to Chhaya and we both became friends.

Now she would call me directly.

Then came the time of the wedding.

Two days before the wedding, I and the entire event team had to stay at the farmhouse for the final preparations.

We all reached there in the morning with our bags etc.

It became evening while making all the arrangements.

We were all tired, so everyone started thinking of staying there.

The girls and boys went to sleep in separate rooms.

I went to a separate room.

That room was on the top floor. I reached the room alone.

I suddenly remembered some arrangements and sent a message to the group.

But thinking that everyone must be asleep, I sent another message saying that this work has to be done early in the morning.

As soon as I sent the second message, I got a call from Chhaya.

We both started talking about the work to be done in the morning.

Then Chhaya said- Let’s finish that work right now!

I said ok.

Chhaya and I left our rooms and came to the garden.

At that time Chhaya was wearing a loose t-shirt and lower.

I was also wearing the same.

We had to shift some stuff from one place to another, due to which we had to bend down repeatedly to pick up the stuff.

Due to this bending, I saw Chhaya’s boobs.

At first I ignored it, but by looking at it again and again, the devil inside me started waking up.

But I controlled myself and continued to complete the work.

When we shifted the stuff to another place, we had to hang a light on a pole there so that there is good light.

Now as soon as I climbed up to hang the light, my half erect penis started making a bulge in my lower.

The erect penis was visible to Chhaya and coincidentally Chhaya was holding the table on which I was climbing to put the light on the pole.

Her face and my penis came face to face.

Right next to her face… This frightened Chhaya and she shook the table.

I lost my balance and I narrowly escaped falling.

When I shouted at Chhaya, she got scared and started crying.

I also did not like it.

I shouted a little too loudly.

I said sorry to her and tried to calm her down.

But she kept crying.

Then I put my hand on her shoulder and asked- Why did you move the table?

She did not say anything.

When I asked her 2-3 times, she started telling me what the situation was at that time!

I also told her that that situation also happened because of you!

She looked at me in surprise and asked with her eyes that how did it happen because of me?

By now we both had become a little comfortable and had opened up to each other.

I told her- When you were bending, I could see your boobs. That is the reason why my lion started stretching.

As soon as she heard this, she felt shy and ran to her room.

I also did not hurry and went to my room and messaged her.

I started talking to her.

She was also talking, but was feeling very shy.

Then after talking for a few minutes, I messaged good night and sent a kiss emoji and went offline.

Now I went to sleep.

When I got up in the morning and checked my mobile, there were 20 messages from her which were deleted.

Now I was unable to understand what she must have sent in these messages, what she must have written!

But in the morning, due to work pressure, I could not ask anything.

I just sent a question symbol asking what did you delete?

She did not write any answer to that.

After being busy in work the whole day, I sat down to eat at 4 in the evening.

Seeing me eating, Chhaya came to me and started talking.

‘Are you eating now… why haven’t you eaten yet?’

When I gave all the answers and asked about the last night’s message, she gave a sweet smile and ran away.

Now I was beginning to understand that the girl is set.

I ate food and started looking for Chhaya.

Then I came to know that the whole team was sitting and talking that we will have to go to Indore to get some stuff but their vehicle has not come yet.

Then I said – if you say, I will go.

I had my friend’s car and driver.

When I and a guy from the event reached the car, we found out that the driver was drunk.

Now how to go to get the goods.

I didn’t know how to drive and neither did that guy from the event!

Then he said that Chhaya knows how to drive.

I was very happy that now Chhaya will also come with me.

But due to the work here, only one member could be allowed to go out.

Then Chhaya and I left with the car.

I sat in the front with Chhaya and on the way, I asked her to tell me the messages of the night…what was in them!

She just smiled and said- if you can understand then understand.

Now what could I understand…I started holding her hand while looking into her eyes.

First she looked at me and said- let me drive the car!

When she said this, I felt the ball coming in my court.

I slowly put my hand from behind Chhaya and started holding her waist.

Chhaya started saying- Hey friend let me drive now!

But I pinched her waist hard due to which she suddenly applied brakes and my head hit the car’s dashboard.

Chhaya said sorry to me repeatedly and stopped the car on the side and started looking at me to see if I was hurt too much.

I was feeling very good being close to her.

Suddenly I caught her waist and kissed her on the lips.

At first she got scared.

She did not expect that I would do this.

She separated from me and started driving the car back towards the destination.

I also did not say anything, just kept looking ahead quietly.

The luggage that we had to take from Indore was ready.

We took the luggage and started going back.

Then I said to Chhaya- I have to take clothes from my house, so let’s go after taking them from home.

When I reached home, I came to know that my mother was at home and she was also on the terrace. She was talking to the aunty next door.

She did not even know that a girl had also come with me.

Now in the house, I pounced on Chhaya.

I started kissing her strongly.

In just two minutes, she also started supporting me and our kiss must have lasted for about ten minutes.

In that time, I had measured her entire body.

When we both separated, our breathing was so heavy as if we both had run from who knows how far.

As soon as we became a little normal, we separated and I came back with my clothes.

By the time we reached the farmhouse, I enjoyed fondling Chhaya’s boobs several times.

I also showed her my penis and made her stroke it.

It was becoming very difficult for me to control myself now.

I wanted to have sex at least once.

But Chhaya was refusing to do anything further.

When we both reached the farmhouse, we got busy with work.

We had dinner at night and at the same time my friend and his parents also came.

Now out of the four bedrooms, in one were my parents, in the second room were the event girls, in the third were the event boys and in the fourth, I and my friend were sleeping.

In this way, all the bedrooms were divided.

But I was thinking where and how to fuck Chhaya.

I messaged Chhaya at 11 pm and called her to the terrace.

There was a store room and solar panel batteries.

I took Chhaya to that room.

There was an old mattress lying there.

We both laid down on that mattress and clung to each other’s arms.

We started with a kiss and kissing from the neck, I reached her boobs.

I pressed her boobs and pulled up her t-shirt and bra together.

Her perfectly round and tight boobs were in front of my eyes.

I was about to suck them when she hid her boobs with her hands.

I applied a little force and freed her boobs from the confinement of her hands and started sucking one.

Ahh… how much fun I was having in sucking those boobs… I can’t describe it friend.

How hard her boobs were, it was so much fun!

I would suck one, press the other with my hand. Then suck the other and press the first with my hand.

In all this, I didn’t even realize when it was 12 o’clock.

I had made Chaaya hot by sucking her boobs and kissing her, but she was still not ready to get fucked.

I said- don’t let me put it inside… but at least let me see the hole!

She did not agree to that either.

I said- friend, my condition is getting worse, look at my cock after seeing you, it has become so hard and swollen!

Chhaya started laughing and said- loosen it with your hand!

I said- come on, you do this or suck it with your mouth!

She started refusing.

After a lot of persuasion from me, she agreed to take it in her mouth.

Now she started sucking my cock.

She did not know how to suck cock, I don’t know how many times she had bitten my cock.

I also remained adamant and kept getting my cock sucked.

When her mouth started hurting while sucking my cock, she moved away, but my cock did not empty.

I said- suck more!

She refused and folded her hands.

She said- now you empty it with your hand only!

I said- okay do one thing, don’t let me put it inside… I will empty it by rubbing my cock on the pussy from outside. Just open your pussy!

She started refusing.

But slowly she agreed and I opened her pussy.

Ah what a pussy she had… completely shaved… there was not a single hair of pubic hair.

Maybe she must have got her pussy waxed.

When I saw her smooth pussy, I lost my control and started kissing and licking her pussy vigorously.

She also started moaning in intoxication and started pulling me towards her.

Meanwhile, I touched my cock on her pussy.

She shivered and hugged me tightly.

I also held my cock and started rubbing it on her pussy.

When she lost control while getting my cock rubbed slowly, I suddenly pushed my cock deep into her pussy.

I thought that Chaaya would be a virgin, a virgin… but she was an experienced bitch.

As soon as the cock went inside, she suddenly jumped up and holding me said- you have done what you wanted… now do it quickly and take out the cum only.

I started moving my cock slowly back and forth with my cock inside her pussy.

She also started enjoying getting her pussy fucked. She also started helping me by raising her ass.

I also increased my speed and ran my Shatabdi Express with full power.

The music of sex started playing in the room. She was also enjoying and so was I… our sex was going on in full swing.

The weather was becoming pleasant with the sound of drip drip.

Then she stiffened and ejaculated.

I said- what happened?

She told- I have ejaculated for the second time.

I asked- when did it happen the first time?

She said- the first time I ejaculated just by rubbing the cock.

Well… after ejaculating for the second time she became a little calm.

But I had not ejaculated yet so I took out my cock from her pussy.

She said- What happened?

I said- I will take it from behind!

She said- No, I don’t take it from there!

I said- I don’t want to fuck you in the ass, I will fuck you in the pussy from behind.

She laughed and I made her stand like a mare.

Holding her waist from behind, I put my dick in her pussy and started moving my waist.

She was also moving her ass in the doggy position.

Because of that my whole dick was going deep inside the pussy.

The fuch fuch sounds coming from Chaaya and her pussy were increasing my excitement.

After fucking her in doggy position for some time, my dick was ready to cum.

I asked- Where will you take it?

She said- Anywhere except the pussy!

I persuaded her to take the cum in her mouth and immediately turned her over and put my dick in her mouth.

After sucking my dick a little, I suddenly cummed in her mouth.

She kept the penis in her mouth till all the cum came out, then took out the penis and spat out all the cum.

Then I looked around and there was a water tap on the roof.

I brought water for her in a mug, she rinsed it and got dressed and got ready.

I looked at the time and it was 1 am.

Then I also wore my clothes and we both came down.

Then we went to sleep in our respective rooms.

After that we both stayed at the wedding for two days and we both had sex whenever we got a chance at night.

Each time I had a different pleasure in having sex with Chhaya.

When I asked her- when did you have sex first and who did it?

She told me that my uncle’s son broke my seal and fucked me. On his wedding night, he first fucked me, then his wife.

When I expressed my desire to hear the whole incident from her, she said- yes, you can definitely hear it some day.

This is how I had sex with Chhaya.

Now she is not in touch with me.

But I miss her a lot.

How did you like the hot girl setting sex story of event girl Chhaya.

Please mail me your suggestions.

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